स्मरण रखिए, रुकावटें और कठिनाइयाँ आपकी हितचिंतक हैं। वे आपकी शक्तियों
का ठीक- ठीक उपयोग सिखाने के लिए हैं। वे मार्ग के कंटक हटाने के लिए
हैं। वे आपके जीवन को आनंदमय बनाने के लिए हैं। जिनके रास्ते में
रुकावटें नहीं पड़ीं, वे जीवन का आनंद ही नहीं जानते। उनको जीवन का स्वाद
ही नहीं आया। जीवन का रस उन्होंने ही चखा है, जिनके रास्ते में बड़ी- बड़ी
कठिनाइयाँ आई हैं। वे ही महान आत्मा कहलाए हैं, उन्हीं का जीवन, जीवन
कहला सकता है।
उठो! उदासीनता त्याग दो। प्रभु की ओर देखो। वे जीवन के पुंज हैं।
उन्होंने आपको इस संसार में निरर्थक नहीं भेजा है। उन्होंने जो श्रम आपके
ऊपर किया है, उसको सार्थक करना आपका काम है। यह जीवन तभी तक दुःखमय दिखता
है, जब तक कि हम इसमें अपना जीवन होम नहीं करते। बलिदान हुए बीज पर ही
वृक्ष का उद्भव होता है। फूल और फल उसके जीवन की सार्थकता सिद्ध करते
हैं।
सदा प्रसन्न रहो। मुसीबतोँ का खिले चेहरे से सामना करो। आत्मा सबसे बलवान
है, इस सच्चाई पर दृढ़ विश्वास रखो। यह विश्वास ईश्वरीय विश्वास है। इस
विश्वास द्वारा आप सब कठिनाइयों पर विजय पा सकते हैं। कोई कायरता आपके
सामने ठहर नहीं सकती। इसी से आपके बल की वृद्धि होगी। यह आपकी आंतरिक
शक्तियों का विकास करेगा।
- अखण्ड ज्योति, फरवरी 1940, पृष्ठ 9
एक युवा जिसके कुछ सपने हैं, कुछ विशिष्ट विचार एवं संकल्पनाएँ हैं, जिसकी कुछ प्रतिमाएँ अभी सामने आनी बाकी हैं और जिसकी चाहत है अपने चारों ओर एक सकारात्मक बदलाव लाने की। यह मेरी डिजिटल डायरी है जिसे आप भी पढ़ सकते हैं। वैसी बातें जिन्हें मैं सबको बताना चाहूँ या जिन्हें व्यक्त करने के लिए एक अदद मित्र की जरूरत पड़े दोनों ही इसमें मिल जाएँगी। हो सकता है इसके कुछ पोस्ट से आप सहमत न हों लेकिन यह मेरे पोस्ट के समय विशेष पर मेरी विचारधारा को इंगित करता है और आप इसे इसी नजरिये से लें। धन्यवाद।
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